उत्तराखँड के लोग, उत्तराखँड की संस्कृति उत्तराखँड का साहित्य और उत्तराखँड के इतिहास के बारे मे विस्तार से जानने के लिये दुनियाभर से लोग यहां आते है और हमारी संस्कृति को और अधिक जानने मे रुची रखते है। हमारी संस्कृति मे ईतनी सुन्दरता व मिठास है कि शायद ही दुनिँया की किसी भी देश की संस्कृति मे हो, इसी का नतिजा है कि युनिवर्सिटी औफ सिनसिनाटी यू.एस.ए के विध्यार्थियोँ द्वारा भारतीय लोक सँगीत व बाध्य यँत्रोँ पर रिसर्च किया जा रहा है|
भारतवर्ष के हिमालयी क्षेत्र मे स्तिथ देवभूमी उत्तराखँड राज्य की संस्कृति से युनिवर्सिटी औफ सिनसिनाटी यू.एस.ए के प्रोफेसर स्टेफन फ़िओल इतने प्रभावित हुये कि यँहा के प्रसिध लोक गायक, जागर सम्राट, ढोल वादक श्री प्रीतम भरतवाण जी को अमेरिका ले गये और पिछले कुछ सालो से वँहा के विध्यार्थियोँ को प्रितम जी के माध्यम से ढोल सागर और जागर का पाठ पढा रहेँ है ।